गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
गुरु, शिक्षक, अध्यापक, टीचर
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जो भी जीवन के हर गूढ़ सिखाता;
साथ- साथ हमें , ज्ञान से नहलाता;
वह जन सदा, ‘गुरु’ की संज्ञा पाता;
इसके पास ही , कुछ ‘शिष्य’ होता।
जो शिक्षा पाने की, इच्छा जगाता;
और बच्चों पर खुद , ज्ञान लुटाता;
वही मानव ही, ‘शिक्षक’ कहलाता;
यह सदा ही, एक ‘विद्यार्थी’ बनाता।
जो , किताबी ज्ञान को ही बताता;
सदा अध्यापन कर , वापस जाता;
वह जन ही , ‘अध्यापक’ कहलाता;
इसके पास सदा , ‘छात्र’ ही आता।
ज्ञान हेतु,जो भी अंग्रेजी आगे लाता;
अपने को , सदा ही काबिल बताता;
वो ज्ञानी ही सदा, ‘टीचर’ कहलाता;
बच्चों को वह सिर्फ, ‘स्टूडेंट’ बनाता।
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…..✍️पंकज कर्ण
………..कटिहार।।