*गुरु (बाल कविता)*
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/e6f9b69f2f8312f9e40ec3a48fa39ec9_1a2aa10b0f64fadb32a25ab73cc25aa6_600.jpg)
गुरु (बाल कविता)
गुरु अज्ञान हटाने वाले
अंधकार से करें उजाले
आओ गुरु को शीश झुकाऍं
उनके जैसे हम बन जाऍं
गुरु के सदा कहे को मानें
उन्हें देवता-ईश्वर जानें
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615 451