गुरु पूर्णिमा
✒️📙जीवन की पाठशाला 📖🖋️
🙏 मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में खास महत्व है, जिसे आषाढ़ पूर्णिमा को बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है…इसे ‘व्यास पूर्णिमा’ के नाम से भी जाना जाता है…माना जाता है कि इस दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था और उनके योगदान को देखते हुए आषाढ़ पूर्णिमा का दिन गुरुओं (शिक्षकों) को समर्पित है…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की गुरु के महत्व को हमारे सभी संतो, ऋषियों एवं महान विभूतियों ने उच्च स्थान दिया है,संस्कृत में ‘गु’ का अर्थ होता है अंधकार (अज्ञान)एवं ‘रु’ का अर्थ होता है प्रकाश(ज्ञान)। गुरु हमें अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं…,
जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की सिख धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है क्योंकि सिख धर्म में दस गुरुओं का अपना विशेष महत्व है..गुरू द्वारा कहा एक शब्द या उनकी छवि मानव की काया पलट सकती है..
आखिर में एक ही बात समझ आई की गुरू गोविन्द दोऊ खङे काके लागु पाँव, बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय:-गुरू का स्थान ईश्वर से भी श्रेष्ठ है…
संत कबीर भी कहते हैं कि:-
सब धरती कागज करू, लेखनी सब वनराज। सात समुंद्र की मसि करु, गुरु गुंण लिखा न जाए…
कबीर दास जी निम्न दोहे से अपनी कलम को विराम देते हैं:-
यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान। शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान।।
अपनी दुआओं में हमें याद रखें 🙏
बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गज की दूरी और मास्क 😷 है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
🙏सुप्रभात 🌹
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
🔱जयपुर -राजस्थान 🔱