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17 Jun 2020 · 1 min read

गुरु पर दोहे

गुरु पर दोहे
★★★★★★★★★★★★★★★
मिले ज्ञान कब गुरु बिना?गुरुवर सदा महान।
इनके ही आशीष से,मिलता है अवदान।।

गुरु ज्ञान ही है सुधा,बाकी सब विषबेल।
इनके परम् प्रताप से,हो ईश्वर से मेल।।

शिष्य सदा जब धार ले,ज्ञान पुंज की तेज।
दुख विपदा होता स्वयं,सरल सहज निस्तेज।।
★★★★★★★★★★★★★★★
रचनाकार- डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना,बलौदाबाजार(छ.ग.)
मो. 8120587822

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 525 Views
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