गुरु पर कुण्डलियाँ
गुरु पर कुण्डलियाँ
सुशील शर्मा
सारे संशय दूर हों ,गुरु की कृपा अपार
अवगुण सारे मेटते ,शुद्ध करें व्यवहार।
शुद्ध करें व्यवहार ,ज्ञान की ज्योति जलाते
गुरु ग्रंथन का सार ,ईश से आप मिलाते।
हम अज्ञानी इंसान ,आप सर्वस्य हमारे।
मैं हूँ शिष्य सुशील ,हरो अवगुण मन सारे।
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साधे गुरु के ही सधें ,सारे बिगड़े काम।
कर गुरुवर की वंदना ,ध्यान धरो गुरु नाम।
ध्यान धरो गुरु नाम ,ग्रहण कर गुरु से गुरुता।
सतगुरु ज्ञान अनंत ,दिलाते गुरु ही प्रभुता।
गुरु को नमन सुशील ,करा दो दर्शन राधे।
धन्य आपका नाम ,आप सब कारज साधे।
गुरुपूर्णिमा पर आप सभी को अनंत शुभकामनायें
सुशील शर्मा