गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान दिवस
सहज संयमी निर्लिप्त, वीर साहसी परमात्मा लिप्त कीरतपुर में लड़ी लड़ाई, मुगलों की सब फौज छकाई कीरतपुर से बकाला आये, आनंदपुर साहिब वसाए धर्म ध्वजा वे रहे उठाए, देशभर में यात्राओं पर आए मुगलों ने अत्याचार किए, तेगबहादुर अडिग रहे औरंगजेब के दारुल इस्लाम बनाने के सपने को
ध्वस्त किया, दीवार बने
कश्मीरी पंडित सहायता को आए
पंडितों के पक्ष में हथियार उठाए
औरंगजेब ने कैद किए, यातनाओं के शूल दिए प्रलोभन जान वख्शने का, इस्लाम स्वीकार करने का शीश जाए पर धर्म ना जाए, गुरुजी ना झुकने पाए अंतिम पल तक खड़े रहे, शीश दिया पर धर्म रहे गुरुजी ने बलिदान दिया, सच्चाई का मार्ग दिया बलिदान स्थल पर आज शीशगंज गुरुद्वारा है
गुरुजी का बलिदान राष्ट्र और धर्म को
अति न्यारा है
गुरुजी के बलिदान ने समाज में
चेतना जगाई,नई चेतना देश में आई।।
वाहेगुरु जी का खालसा वाहेगुरु जी की फतेह चरणों में शीश हमारा है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी