गुरु चरनन सिर नाई
शब्द ब्रह्म अर्पण करहुं, गुरु चरनन सिर नाय
गणनायक विनती सुनहुं, शेष शारदा मांय
नहिं विद्या नहिं तेजबल, नहिं शब्दों के जाल
शब्द रूप जिमि रम रहे, शंकर गगन विशाल
भाषा नहिं बानी नहिं, नहिं कछु काव्य प्रबंध
शब्द ब्रह्म शक्ति प्रबल, जड़ चेतन संबंध
शब्द ब्रह्म ओमकार हैं, मेटे तम अज्ञान
शब्द सृष्टि नित् रत रहहिं, सबहुं करावत ज्ञान
गुरुवाणी शब्द ब्रह्म है, शब्द ही वेद पुराण
शब्द ब्रह्म है बाइबल, शब्द ही है कुरान
शब्द ब्रह्म गीता बसे, शब्द हूं बसे कुरान
शब्द ब्रह्म गुरुवाणीयां, बाईबल वेद पुराण
शब्द ब्रह्म ह्रदय धरो, गीता वेद पुराण
गुनहुं सदा निज धर्म से, बाइबल और कुरान
आत्म सदा परमात्मा, ह्रदय हरि का बास
प्रेम सदा सदा ग्रंथ से, पावन सदा प्रकाश