गुरु चरण
दो चरण है गुरु के
बुद्धि और विवेक
हृदय में धारण करें
बन जाएंगे नेक
अहंकार का नाश कर
भरले परम प्रकाश
सत्य प्रेम करुणा भरा
मिले सदा आकाश
मात पिता गुरु चरण में
है ईश्वर का वास
धर्म अर्थ और काम मोक्ष
जीवन के हैं सार
ध्याये बिन गुरु चरण के
है संसार असार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी