गुरु के पद पंकज की पनही
गुरु के पद पंकज की पनही
गुरु के पद पंकज की पनही,सिरहाने धरूँ नित सोया करूँ,
पग धूरि को भूरि प्रभाव बड़ो,दृग नीरन से पग धोया करूँ,
मन मंदिर में तव मूरति हो,धरि ध्यान निरंतर खोया करूँ,
शुभ सुंदर शील सुशील सदा,शुचि शब्द सनेह सजोया करूँ,