****गुरु की प्रीत ****
(१)गुरुजनों की सीख ने ऐसा किया कमाल
इज्जत मुझको मिल गई हो गया मालामाल ।।
कभी भी भूल ना पाऊं
गुरु को शीश नवाऊँ।
(२) यहां वहां था बैठता ना थाकोई काम।
राह चलत गुरु मिल गए दे गए ऐसा दाम।।
जिसे कोई छीन ना पावे
दिनों दिन बढ़ता जावे ।
(३)जीवन यह मिलता नहीं सबको बारंबार ।
सदगुरु जो मिल जाए तो हो जाए नैया पार ।।
भवसागर से उतारे
शरण में पड़े जो सारे ।
राजेश व्यास अनुनय