गुरु का गुरु को प्रमाण — कविता
गुरु का गुरु को प्रणाम स्वीकार हो.
दे रहे हो ज्ञान आप बधाई स्वीकार हो।
चलते रहना बढ़ते रहना ऐसे ही तुम,
बनकर ज्ञान की सरिता।
अंधकार अज्ञान आपसे हारा
ज्ञान आप का सदा ही जीता।।
बहते रहे हमेशा,
नव सृजन के उदगार हो।
दे रहे हो ज्ञान हाथी बधाई स्वीकार हो।।
राजेश व्यास अनुनय