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28 May 2023 · 1 min read

गुरुदेव

गुरु मिटाये अज्ञान को, बिन उनके न ज्ञान।
बिना गुरु के सारथी, बिना दिशा के जान।।
गुरु चढ़ाते सीढ़ियां, मंजिल तभी ही जान।
बिना गुरु के ना मिलता, जीवन में ही मान।।
गुरु गुरो की खान है, चेले होते शान।
बनना हो गुणवान तो, सदैव रखना मान।।
मिले न गुरु द्रोण तो, मूरत मंदिर बसा ।
बनता वह एकलव्य ही, लक्ष्य ने जिसे कसा ।।
मिलते हैं जब सदगुरु, संदीपनी महान ।
कृष्ण सुदामा साथ है, राजा रंक समान ।।
(रचनाकार- डॉ शिव लहरी )

Language: Hindi
91 Views
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