गुमसुम ………
यूं गुमसुम क्यूं हो बताओ तो सही ?
बात अपनी हमें सुनाओ तो सही ।
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कह भी दो मन में क्या चल रहे हैं
मानो मेरी बात मुस्कुराओ तो सही।
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करूँ प्रयास मैं कुछ समझने की
बातें तेरी पर समझाओ तो सही।
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खता मेरी है क्या मालूम है कहाँ
है उलझन जो सुलझाओ तो सही ।
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बीत जाता यूं ही गिले शिकवे में
हँस कर भी वक्त बिताओ तो सही।
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दर्द यहाँ भी है मानव हैं देव नहीं
कहो मत पूनम दिखाओ तो सही।
@पूनम झा। कोटा,राजस्थान