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20 Mar 2017 · 1 min read

** गुमसुम आज मेरा दिल है **

?रुक गयी है स्वांसे

थम गयी है आंधियां

न जाने कौन सा कत्ल

कर आया जो गुमसुम

आज मेरा दिल है ।।
?मधुप बैरागी

दिल धड़कता है

किसी हसी मुखड़े को देखकर
मगर

ये क्या

मेरे दिल को किसी ने यूं

उसकी जगह से बाहर निकाला किसने

दिल पूछता है उससे

जिसने जिस्म से अलग किया इस दिल को
कहां है वो दिलबर

जिसने दरबदर की ठोकरें खाने के वास्ते छोड़ा

इस क़दर

एकबार आकर तो कह दे

मुझे तुम से प्यार है

आज भी यह दिल धड़कता है

सिर्फ तुम्हारे लिए

देख इसकी धड़कनों को

इसे तेरा इंतजार आज भी है ।।
?मधुप बैरागी

Language: Hindi
1 Like · 372 Views
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