– गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता –
– गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका पता –
नही है उसका कोई पता ,
नही है उसका कोई नाम ,
वो है मेरे दिल में रहने वाली गुमनाम,
करता हु जिसका में दिल से इंतजार,
आती नही फिर भी वो एक भी बार,
उसकी आहट से ही दिल मेरा धड़क जाए,
उसके पायल की झम -झम मेरे दिल को लुभाए,
वो गुमनाम महबूबा मेरी गुमनाम है उसका नाम,
✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान