गुमनाम इश्क
आप ये वेबजह का प्यार मत दिखाइये
अच्छा होगा,आप अपने शहर लौट जाइये
आप तो मेरे हो ही नहीं सकते हो
तो मेरे ख्यालों से भी निकल जाइये
इश्क आपसे वेपनाह करते हैं हम
इस को आप नजरांदाज कर जाइये
मैं बिखरा नहीं हूं संभल जाऊंगा
बस अब आप मेरे करीब न आइये
कब तक झूठे दिलासे देता रहूं दिल को
आप मेरे हो फिर भी पराये,इसे समझाइये
वेखॉफ शायर :-
राहुल कुमार सागर
“बदायूंनी”