गुदगुदी
गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे।
देखकर आंख अपनी चुराने लगे।
बात होगी भला प्यार में भी कभी,
घर मुझे रोज अपने बुलाती तभी।
हम खुशी से वहां रोज जाने लगे,
गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे।1।
कुछ पता तो चले क्या हुआ है मुझे,
गुदगुदी सी हुई देखकर ही तुझे।
बात को जानकर हम मनाने लगे,
गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे।2।
बात ही बात में जो मिला आपसे,
चढ़ रहा प्यार की सीढियां धाप से।
इश्क में बात हम भी बनाने लगे,
गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे।3।
डर रहा हूं यहां प्यार के ताप से,
नाचता ही रहा ताल के थाप से।
रूठने जो लगी हम मनाने लगे,
गीत हम भी खुशी से सुनाने लगे।4।
डी एन झा दीपक देवघर झारखंड