गुजर जाएंगे यह दिन रात
घुल गया जो जहर,
बरसा रहा कहर,
जल रहें शहर शहर,
कब जाएगा ठहर,
मुश्किल हैं हर पहर,
देख मौत की लहर,
कैसे हो जन्दगी बसर,
हल ढूँढती हर नजर,
फिर……..
मन में रख विश्वास,
ऊपर वाले पर आस,
मन में रख विश्वास,
टूटने न देगा वो श्वास,
मन में रख विश्वास,
आएंगे दिन फिर खास,
मन में रख विश्वास,
धैर्य संयम को पास,
मन में रख विश्वास,
होगा फिर से प्रकाश,
इतना कर ले यार,
थोड़ा बन समझदार,
भीड़ से दूर चल,
बेवजह न निकल,
मास्क लगा भैया,
फिर होगी पार नैया,
हाथों को रख साफ,
तभी होंगे हम माफ,
मान ले सबकी बात,
गुजर जाएंगे यह दिन रात,
—–जेपी लववंशी, हरदा, म.प्र.