गुजर गया कोई
गुजर गया कोई , दिल के करीब से।
बातें करते रह गये , हम हबीब से ।
उसके जाने से ग़मज़दा है रूह दोस्तों
फ़रिश्ते सा शख्स,मिला था नसीब से।
इतनी बेरुखी से ताल्लुक तोड़े उसने
जैसे हाथ मिला लिया हो रकीब से।
कैसे करें उसकी याद को खुद से जुदा
ताबीज बनवाएं जाकर किस तबीब से।
खरीद लें गया कोई चंद सिक्कों में उसे
कीमत नहीं चुकाई गयी इस ग़रीब से।
सुरिंदर कौर