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7 May 2024 · 1 min read

गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए

गुजरे हुए लम्हात को का याद किजिए
जो साथ ना दे दो कदम क्या याद किजिए

मिलती नहीं यह जिंदगी, इंसान को बार-बार
इस जिंदगी को यूँ ही ना बर्बाद किजिए
जो साथ ना दे दो कदम

सबको वहीं मिलेगा, जो लिखा नसीन में
किसको क्या मिला ना हिसाब किजिए
जो साथ ना दे दो कदम

गम दे गया तो क्या हुआ, नहीं गैर था कोई
उनको मिले खुशी, यहीं फरियाद किजिए
जो साथ ना दे दो कदम

ले जाए चैन लूटकर, और आए ना उम्र भर
उस बेवफा को फिर क्या आवाज दिजिए
जो साथ ना दे दो कदम

“V9द” मेरी इल्तिजा है, तुम गौर से सुनना
होता नहीं नाराज, खुदा को याद किजिए
जो साथ ना दे दो कदम

स्वरचित
V9द चौहान

1 Like · 114 Views
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