Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jun 2018 · 1 min read

गीत

विरह गीत

साँझ-सवेरे खग का कलरव
मुझको बहुत रुलाता है,
भीगी पलकें सागर का तट
तेरी याद दिलाता है।

तुम बहार मेरे जीवन की
मन में चित्रित परिभाषा
उर की सुंदर मधुशाला हो
लब पर मुखरित अभिलाषा।

धानी चूनर कंगन देखूँ-
झूला रास न आता है।
तेरी याद दिलाता है।।

तेरे यौवन के जादू से
मेरी नज़रें बहकी थींं
तेरे गजरे की खुशबू से
मेरी रातें महकी थीं।

बूँदों की रुनझुन सरगम पर-
सावन गीत सुनाता है।
तेरी याद दिलाता है।।

राह देखते तेरी मैंने
हर पल दीप जलाए हैं
भाव शब्द में गूँथ-गूँथ कर
कितने गीत बनाए हैं।

खुद से कब तक बात करूँ मैं-
मन मेरा घबराता है।
तेरी याद दिलाता है।।

डॉ. रजनी अग्रवाल ‘वाग्देवी रत्ना’
महमूरगंज, वाराणसी।(उ.प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 269 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
फूल
फूल
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
बालबीर भारत का
बालबीर भारत का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आए गए महान
आए गए महान
Dr MusafiR BaithA
"मन बावरा"
Dr. Kishan tandon kranti
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
शातिर हवा के ठिकाने बहुत!
Bodhisatva kastooriya
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
अरे ये कौन नेता हैं, न आना बात में इनकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
पुच्छल दोहा
पुच्छल दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
डॉ. नामवर सिंह की रसदृष्टि या दृष्टिदोष
कवि रमेशराज
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
बाप अपने घर की रौनक.. बेटी देने जा रहा है
Shweta Soni
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
कुछ अलग ही प्रेम था,हम दोनों के बीच में
Dr Manju Saini
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
प्यार हमें
प्यार हमें
SHAMA PARVEEN
'उड़ान'
'उड़ान'
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
मेरी चाहत
मेरी चाहत
Namrata Sona
2537.पूर्णिका
2537.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Dr. Arun Kumar shastri
Dr. Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
ख़ुद्दार बन रहे हैं पर लँगड़ा रहा ज़मीर है
पूर्वार्थ
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
*गाता है शरद वाली पूनम की रात नभ (घनाक्षरी: सिंह विलोकित छंद
Ravi Prakash
अयाग हूँ मैं
अयाग हूँ मैं
Mamta Rani
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
कोई भी नही भूख का मज़हब यहाँ होता है
Mahendra Narayan
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
दिल से निभाती हैं ये सारी जिम्मेदारियां
Ajad Mandori
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
आप मेरे सरताज़ नहीं हैं
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
खुद का वजूद मिटाना पड़ता है
कवि दीपक बवेजा
नरसिंह अवतार विष्णु जी
नरसिंह अवतार विष्णु जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
चुल्लू भर पानी में
चुल्लू भर पानी में
Satish Srijan
होली आ रही है रंगों से नहीं
होली आ रही है रंगों से नहीं
Ranjeet kumar patre
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
बख्श मुझको रहमत वो अंदाज मिल जाए
VINOD CHAUHAN
गीत मौसम का
गीत मौसम का
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Loading...