गीत
प्रेम का एहसास
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प्रेम एक एहसास है
उमंगो के उत्सव का,
अंबर को छूने का
अवनि पर मिटने का,
बर्फ सा पिघलने का
खुशबू सा महकने का,
वायु में बसने का
धूल में उड़ने का ,
सूरज के तपने का
चाँद सा चमकने का,
गमो को पीने का
खुशियों के देने का ,
पतझड़ में बहार का
बर्षा में फुहार का ,
गजरे में फूल का
डालियो में सूल का,
कहीं सुरमई शाम का
मदकता में आम का ,
दूर से करीब का
निकट में नीर का ,
समीर में सुगंध का
बिखरे मकरन्द का,
बंधन बधे रीत का
समर्पण में प्रीत का ,
सरगम संगीत का
मिले तो गीत का ,
बढे़ तो दरिया का
समाए तो सागर का ।
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शेख जाफर खान