गीत
सावन आया बरसा पानी,
छायी हैं मौसम में रवानी,
मेरे दिल मे दर्द भरा,
सावन के भी माह में,
होंठो पे मेरे हँसी नही,
मन मे कोई उमंग नही,
तेरी यादों को भूल न जाऊँ,
याद दिलाने आया सावन,
तेरे संग बागों में जो झूला,
तेरी याद में रोते झूले,
आंखे मेरी खोजे तुझको,
बागे गांव की गलियों में,
तू न दिखती होती उदासी,
सावन में भी आंखे प्यासी,
तुझको भुलाना चाहा मगर,
भूल न पाया चलते डगर,
बरसों से हम बिछुड़े हुए,
तेरी यादों में टूटे हुए,
चमके जब जब रात के तारे,
सावन के मेघ जब भी कड़के,
तेरी यादों के आँसू आंखों में,
बन के नीर बहे पलको में,
प्यार का कैसा खेल रचा,
दर्द जुदाई दिल मे बसा,
बेदर्दी