गीत
अंधेरी सी रात में देखा रोशनी नजर आया,
घूंघट उठा के देखा तो चाँद नजर आया,
भोली भाली सूरत तेरी मखमली सी पलके,
बिंदिया की हल्की सी रोशनी में शर्माती मुखड़ा नजर आया,
बिखरी बिखरी जुल्फे तेरी मेघ घटा को बुलाती,
तेरी आँखों के काजल ने रिमझिम बारिश कर डाली,
दूर है बैठी मन्द मुस्कराती लेके घूंघट का आड़,
हाथों की चूड़ियाँ खन खन के माथे की चम चम चमके,
तेरी पायल छम छम बाजे सुन के मदहोशी छा छाए,
तेरी तिरछी निगाहे मन को मेरे कर गयी घायल,
आंखे बन्द करू तो मैं तेरा चेहरा नजर आए,
जब आंखे खोला तो एक ख्वाब नजर आया,
चेहरा देख पास में जाके तो रितुजा नजर आयी,
मिलती जुलती आँखे इसकी होंठो की मुस्कान देखा,
पल भर के लिए मैं सहम गया आँसू को मैं देखा,
आँखेँ नशीली जैसे मद का प्याला
मोहनी सुरत तेरी
कैसे ओझल करूं
इन आंखों से,
सुन मोहनी सी सूरत तेरी