गीत
गीत (विष्णु पद छंद)
भारत की गौरव गाथा को,हम अब गायेंगे।
वीरों के बलिदान दिवस पर,ध्वज फहराएंगे।।
राष्ट्र प्रेम जिनके रग रग में,वे अमर्त्य होते।
मातृ भूमि में सदा शौर्य के,सहज बीज बोते।।
देश भक्ति की अमर कहानी,नित्य सुनाएंगे।
वीरों के बलिदान दिवस पर,ध्वज फहराएंगे।।
जो शहीद हो गये आज हैं,स्मृति में वे छाये।
दुश्मन दल को मार गिराने,को ही वे आये।।
इन्हीं सपूतों की वेदी पर,शीश झुकाएंगे।
वीरों के बलिदान दिवस पर,ध्वज फहराएंगे।।
मात पिता ने जन्म दिया था,अरु पोषा पाला।
किया राष्ट्र को भेंट पुत्र को, भरा जोश हाला।।
सदा राष्ट्र की रक्षा करते,जो मिट जाएंगे।
वीरों के बलिदान दिवस पर,ध्वज फहराएंगे।।
सिर्फ देश के हित में लड़ता, सदा वीर दानी।
वही राष्ट्र का नायक होता,महा पुरुष ज्ञानी।।
ऐसे महा वीर का वन्दन,नित्य कराएंगे।
वीरों के बलिदान दिवस पर,ध्वज फहराएंगे।।
साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।