गीत
ख्वाब गये टूट सब ज़िन्दगी बिखर गई।
साथ छोड़ा राह ने मंजिलें फिसल गई।
मैं तो था गुमान में, पर जिन्दगी उदास थी।
ख्वाहिशें जवान थी और दिल में प्यास थी।।
हर तरफ थी रोशनी, मेरे घर को छोड़कर।
जुगनू भी चले गए , मेरे दिल को तोड़कर।
रोशनी देंगे सदा, वादा किया था चांद ने।
रूठा है न जाने क्यों वो मेरी फरियाद से ।
डालियां सुलग रही फूल सारे जल गये।
जलता चमन छोड़कर बागवां किधर गये।
साथ-साथ थे मेरे, वे मेरे निगहबान थे।
लूटा गया है जिन्हें वो मेरे अरमान थे।।
जय प्रकाश श्रीवास्तव पूनम