$गीत
#गीत
सुनाओ प्यार का सरग़म मुहब्बत सीख जाएँ हम
लगाओ ज़ख़्म पर मरहम मुहब्बत सीख जाएँ हम
अदाओं में वफ़ाओं में शिकायत का असर भूलें
उतारे जो दिलों से वो बग़ावत की नज़र भूलें
दिखाओ नेकियाँ हरदम मुहब्बत सीख जाएँ हम
रहे दिल आइना बनके दिखाए सच ज़माने को
लबों पर प्रेम की भाषा सिखाए सच ज़माने को
मिटाओ द्वेष की हलचल मुहब्बत सीख जाएँ हम
नज़ारे ख़ूबसूरत सब नज़र बदलो ज़रा-सी तुम
निकालो लीक नूतन हर रहो मत भीड़ में ही गुम
तुम्हें देखें इबादत से मुहब्बत सीख जाएँ हम
#आर.एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित सृजन