गीत
???वीर सपूत???
ऐ वतन-ऐ वतन मेरे प्यारे वतन
तुझपे जां कुर्बान है,ऐ मेरे वतन—
वतन की आन के लिए
वतन की शान के लिए
जो दुश्मनों से डरते नहीं,
भारत के प्रहरियों।
सीमा पर पहरा हे देते
आंधी पानी सब है सहते
वीर सपूतों तुमको कोटि-कोटि बंदन,
ऐ वतन-ऐ मेरे—–
देश की माटी से जो करते प्यार हैं
और लहु बहाकर अपना
देश के लिए कुर्बान ,बार-बार हैं
भारत मां !के वीर लाड़लों
तुम्हारे चरणों में सहस्त्रों हे!नमन।
ऐ वतन–––
तुझपे जां—–
स्वरचित कविता
सुषमा सिंह “उर्मि,,