Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Dec 2017 · 1 min read

“गीत, राधेश्यामी छंद”

“गीत, राधेश्यामी छंद”

माना की तुम बहुत बली हो, उड़े है धुँआ अंगार नहीं
नौ मन लादे बरछी भाला, वीरों का यह श्रृंगार नहीं
एक धनुष थी वाण एक था, वह अर्जुन का गांडीव था
परछाई से लिया निशाना, रणधीरा अति कुशल वीर था।।

तुलना करता रहा दुशासन, बचपन कहाँ भान होता है
बलशाली तो हुआ धुरंधर, यौवन सनक शान होता है।
विलख पड़ा धृतराष्ट्र आँख से, नामी प्रखर कान होता है
गांधारी की विपदा भारी, कैसे सहज प्रान होता है।।

बात समझ में आ जाती तो, नहीं महाभारत होता जी
रिश्तें नहीं तिराण उगलते, यदि वीरों का बल होता जी।
सकुनी का पासा तासा भी, रणभूमी में क्या होता जी
भीष्म गुरु अपनी सुनते तो, नारद नहीं जमीं होता जी।।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 347 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
* बाल विवाह मुक्त भारत *
* बाल विवाह मुक्त भारत *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
धधकती आग।
धधकती आग।
Rj Anand Prajapati
बदरी
बदरी
Suryakant Dwivedi
पागल बना दिया
पागल बना दिया
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
हे राम,,,,,,,,,सहारा तेरा है।
Sunita Gupta
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
वो ख्वाबों में अब भी चमन ढूंढते हैं ।
Phool gufran
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
भारत मे तीन चीजें हमेशा शक के घेरे मे रहतीं है
शेखर सिंह
संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है
संघर्षों को लिखने में वक्त लगता है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
बूढ़ा हो  बच्चा हो या , कोई  कहीं  जवान ।
बूढ़ा हो बच्चा हो या , कोई कहीं जवान ।
Neelofar Khan
An Evening
An Evening
goutam shaw
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
Nothing grand to wish for, but I pray that I am not yet pass
Nothing grand to wish for, but I pray that I am not yet pass
पूर्वार्थ
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
जब किसी कार्य को करने में आपकी रुचि के साथ कौशल का भी संगम ह
Paras Nath Jha
आवाज मन की
आवाज मन की
Pratibha Pandey
*कविवर रमेश कुमार जैन*
*कविवर रमेश कुमार जैन*
Ravi Prakash
मां बाप
मां बाप
Mukesh Kumar Sonkar
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
■ भूमिका (08 नवम्बर की)
*प्रणय प्रभात*
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
एक कलाकार/ साहित्यकार को ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
The Breath
The Breath
Otteri Selvakumar
आजा आजा रे कारी बदरिया
आजा आजा रे कारी बदरिया
Indu Singh
"सपेरा"
Dr. Kishan tandon kranti
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
सत्य बोलना,
सत्य बोलना,
Buddha Prakash
जीना सीखा
जीना सीखा
VINOD CHAUHAN
Mental health
Mental health
Bidyadhar Mantry
भय
भय
Shyam Sundar Subramanian
सद्विचार
सद्विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शायरी 1
शायरी 1
SURYA PRAKASH SHARMA
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
वक़्त होता
वक़्त होता
Dr fauzia Naseem shad
Loading...