गीत- इरादे नेक हों जिसके…
इरादे नेक हों जिसके सफल हर काम होता है।
करे जो काम सब अच्छे उसी का नाम होता है।।
करे सेवा मिले मेवा यही सच है हक़ीक़त में।
मिले अनुभव बताते हैं बड़े अपने नशीहत में।
दिखाए राह जो अच्छी वही तो राम होता है।
करे जो काम सब अच्छे उसी का नाम होता है।।
दिखावा जो किया करते दुखी होते वही आख़िर।
नहीं लोहा बने सोना घिसो कितना दही आख़िर।
लिए दम जो यहाँ जितना उसी का दाम होता है।
करे जो काम सब अच्छे उसी का नाम होता है।।
छिपा कोई नहीं ‘प्रीतम’ ख़ुदा की सुन निग़ाहों से।
बलाएँ हार जाती हैं विधाता की निग़ाहों से।
चले हँसकर मिले खुलकर वही गुलफ़ाम होता है।
करे जो काम सब अच्छे उसी का नाम होता है।।
आर.एस. ‘प्रीतम’