गीत मैं लिखूं कोई तो
गीत मैं लिखूं कोई तो
मैं गाऊं
तुम सुन लो
सांझ में
घर की देहरी पर
मैं कोई दीप जलाऊं
तुम मेहमान से न
आकर
ईश्वर के एक सौम्य रूप से
पधारो तो
मैं दिन के उजालों को
त्यागकर
रात के अंधियारों को
चुन लूं
जीवन को मैं
कतरा कतरा
एक धागे सा बुनू
तुम प्रीत के बंधन में
बंधो तो
मैं एक प्रेम की रागिनी
का वंदन कर लूं।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001