गीत- मिला कोई अदाओं से…
मिला कोई अदाओं से चुरा दिल ले गया मेरा।
उसी ख़ातिर सभी नग़में हृदय लिखता गया मेरा।।
ज़ुदा सबसे लिए सूरत फ़िदा जिसपर हुआ है दिल।
उसे चाहूँ मुहब्बत में वही मेरी हुई मंज़िल।
यही सब सोचकर फलता कि चलता दिल गया मेरा।
उसी ख़ातिर सभी नग़में हृदय लिखता गया मेरा।।
मिले साथी कोई ऐसा बनादे ज़िंदगी ज़न्नत।
लिए दिल में जिया करते यही सब यार हैं मन्नत।
तुम्हारी आरज़ू से दिल बहुत खिलता गया मेरा।
उसी ख़ातिर सभी नग़में हृदय लिखता गया मेरा।।
फ़िज़ाओं में घुली ख़ुशबू सदाएँ देखकर तेरी।
मधुर मुस्क़ान भाती है वफ़ाएँ देखकर तेरी।
मिले तुम प्रेम से दिल भी तभी मिलता गया मेरा।
उसी ख़ातिर सभी नग़में हृदय लिखता गया मेरा।।
आर. एस. ‘प्रीतम’
सर्वाधिकार सुरक्षित गीत