गीत मिलन के गाते ✍✍✍✍✍✍✍
युग युग से गीत मिलन के गाते रहे है.
बन सिंगार एक दूजे का सजते रहे है.
.आँखो मे प्यार की तरूणाई अधरो पर .
प्यास ओस मधु अमृत सवारते रहे है.
हम तुम गीत मिलन———————-
हम प्रेमी जन्म जन्मान्तरों का साथ निभाते रहे
पृथ्वी पर आ हम तुम लोकाचार पाठ निभाये
जन मन की अभिलाषा आशाओं को पूरा करते
हम तुम जन मन की दीवाली दीप जलाते रहेगे.
डॉ मधु त्रिवेदी