Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Aug 2024 · 1 min read

गीत- तेरी मुस्क़ान मरहम से…

तेरी मुस्क़ान मरहम से नहीं कम यार लगती है।
जिसे छूकर नयन की बूँद शबनम सार लगती।।

हँसी गुलशन ज़ुबाँ रेशम समझ है नूर का प्याला।
मधुर बातें तेरी हमदम अँगूरों की बनी हाला।
लबों की बू गुलाबी रुत गुलों का हार लगती है।
जिसे छूकर नयन की बूँद शबनम सार लगती।।

नदी-सी चाल है तेरी हृदय सागर वफ़ाओं का।
मैं दीवाना हुआ ज़ुल्फ़ों तेरी भोली अदाओं का।
क़सम तू ख़ूबसूरत-सा धुला संसार लगती है।
जिसे छूकर नयन की बूँद शबनम सार लगती।।

तेरी साँसें सुधा मंदिर कपोलों में उजाला है।
मेरी ख़ातिर मिलन ज़न्नत लिए उल्फ़त उजाला है।
मुझे जानाँ मुहब्बत का बड़ा विस्तार लगती है।
जिसे छूकर नयन की बूँद शबनम सार लगती।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
1 Like · 29 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from आर.एस. 'प्रीतम'
View all
You may also like:
"सलाह" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ପରିଚୟ ଦାତା
ପରିଚୟ ଦାତା
Bidyadhar Mantry
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
*नए वर्ष में स्वस्थ सभी हों, धन-मन से खुशहाल (गीत)*
Ravi Prakash
4308.💐 *पूर्णिका* 💐
4308.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ८)
Kanchan Khanna
Try to find .....
Try to find .....
पूर्वार्थ
हम बिहारी है।
हम बिहारी है।
Dhananjay Kumar
#बैठे_ठाले
#बैठे_ठाले
*प्रणय प्रभात*
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
ज्वलंत संवेदनाओं से सींची धरातल, नवकोपलों को अस्वीकारती है।
Manisha Manjari
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तन्हा
तन्हा
अमित मिश्र
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
आंख मेरी ही
आंख मेरी ही
Dr fauzia Naseem shad
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
कभी खामोश रहता है, कभी आवाज बनता है,
Rituraj shivem verma
“नये वर्ष का अभिनंदन”
“नये वर्ष का अभिनंदन”
DrLakshman Jha Parimal
रंगों का त्योहार होली
रंगों का त्योहार होली
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
कहानी-
कहानी- "खरीदी हुई औरत।" प्रतिभा सुमन शर्मा
Pratibhasharma
मजबूरी
मजबूरी
P S Dhami
खुद का नुकसान कर लिया मैने।।
खुद का नुकसान कर लिया मैने।।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
मिलती बड़े नसीब से , अपने हक की धूप ।
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
ज़िंदगी मेरी दर्द की सुनामी बनकर उभरी है
Bhupendra Rawat
"धरती की कोख में"
Dr. Kishan tandon kranti
तुम
तुम
हिमांशु Kulshrestha
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
फूल भी खिलते हैं।
फूल भी खिलते हैं।
Neeraj Agarwal
जिसके पास कोई चारा न हो
जिसके पास कोई चारा न हो
Sonam Puneet Dubey
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
पहले जो मेरा यार था वो अब नहीं रहा।
सत्य कुमार प्रेमी
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
मेरी ज़रूरतें हैं अजब सी बड़ी, कि मैं,
Kalamkash
🙏
🙏
Neelam Sharma
Loading...