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1 Jan 2021 · 1 min read

गीत ‘जनतन्त्र’

ये दुनिया खेल-तमाशा है
ये ड्रामा अच्छा-खासा है
गूगल सी कोई भाषा है
ये इसरो भी क्या नासा है
ये दुनिया खेल……

ये गोरख धन्धे वो जाने
जो खुद को भी ना पहचाने
बेकार गढ़े हैं अफ़साने
फिरते सब नाहक दीवाने
क्यों दिल में पाले आशा है
सिर्फ़ चहुँ ओर निराशा है
ये दुनिया खेल……

संत बड़े है झांसा राम जी
जैसे लगते झण्डू बाम जी
आते भक्तों के बड़े काम जी
खूब कमाया उसने नाम जी
व्यापार ये अच्छा खासा है
खाने को खील-बताशा है
ये दुनिया खेल……

दाम मिले कुछ भी ना भइया
डॉलर आगे फ़ैल रुपइया
दिन-रात करे ता ता थइया
याद दिला दी सबको मइया
खेल मदारी का झांसा है
सबको जनतन्त्र ने फांसा है
ये दुनिया खेल……

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 432 Views
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