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31 Aug 2024 · 1 min read

गीत- चले आओ…

चले आओ बहुत बैचेन है मिलने को मन मेरा।
सहारा है तेरा ही यार मिल खिलने को मन मेरा।।

मधुर बातें हमेशा ही लुभाती हैं तेरी मुझको।
मगर ये दूरियाँ हरपल सताती हैं तेरी मुझको।
तुम्हारी चाह में तैयार है ढ़लने को मन मेरा।
सहारा है तेरा ही यार मिल खिलने को मन मेरा।।

बना चाहत घने बादल भिगा दे प्यार से मुझको।
बसाकर रूह में पल-पल रखूँगा यार मैं तुझको।
तुम्हारा साथ मिल जाए खिले खिलने को मन मेरा।
सहारा है तिरा ही यार मिल खिलने को मन मेरा।।

फ़सानों में तरानों में हमारा प्यार महकेगा।
दिलों में नूर का पंछी लिए उपकार चहकेगा।
चला दिल प्रेम का हर सार भरने को मन मेरा।
सहारा है तिरा ही यार मिल खिलने को मन मेरा।।

आर. एस. ‘प्रीतम’

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 48 Views
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