गीत- चले आओ मिले तुमसे…
चले आओ मिले तुमसे बहुत दिन-रात बीते हैं।
कहीं हम भूल जाएँ पल सुहाने साथ बीते हैं।।
मिलें दोनों अकेले में सफ़र लंबा चलें हँसकर।
नदी-सागर मिलें जैसे यहाँ इक हो सदा खुलकर।
कहें सब लोग जो देखें ग़ज़ब हालात बीते हैं।
कहीं हम भूल जाएँ पल सुहाने साथ बीते हैं।।
हमेशा प्यार से बोलें अगर रूठे मनालें दिल।
यही हो याद हमको बस हमारी इक हुई मंंज़िल।
लिए पल प्रेम की पूँजी लिए सौग़ात बीते हैं।
कहीं हम भूल जाएँ पल सुहाने साथ बीते हैं।।
हँसाना भी रुलाना भी समय की है यही फ़ितरत।
क़दर जो वक़्त की करता बिताए ज़िंदगी ज़न्नत।
मुहब्बत में मुहब्बत से ज़ुदा ज़ज्बात बीते हैं।
कहीं हम भूल जाएँ पल सुहाने साथ बीते हैं।।
#आर. एस. ‘प्रीतम’