गीत- किसी से प्यार हो जाए…
किसी से प्यार हो जाए दिले-इक़रार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।
हसीना रूह से माशूक़ बन जाए बड़ी क़िस्मत।
मिलन ऐसा हमारा हो नहीं हों हम कभी रुख़सत।
कि चुंबक और लोहे-सा हृदय संसार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।
हमारे प्यार का तरुवर फले-फूले कि छाया दे।
नहीं जो ख़त्म हो चाहत यही रब शौक़ माया दे।
किसी सागर सरीखा प्यार का विस्तार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।
सवालों में ज़वाबों में किसी का नाम आता हो।
जिधर देखें उधर चेहरा नज़र जो आम आता हो।
ख़रा रिश्ता दिलों का तब अदब अधिकार हो जाए।
मुहब्बत में हमारा दिल गुले-गुलज़ार हो जाए।।
आर.एस. ‘प्रीतम’