गीत- किताबों से करें बातें…
क़िताबों से करें बातें इन्हीं से प्यार हो जाए।
क़सम से ज़िंदगी ज़न्नत लिए संसार हो जाए।।
क़िताबों ने रचे क़िरदार ऐसे जो लुभाते हैं।
मिसालें बन हमें हँसना यही जीना सिखाते हैं।
इन्हीं से राह मंज़िल का तुम्हें दीदार हो जाए।
क़सम से ज़िंदगी ज़न्नत लिए संसार हो जाए।।
क़िताबें हों सभी हाथों में दिल करता दुवा हरपल।
लबों पर शारदे माँ ही विराजे बस ख़ुदा हरपल।
सभी का रब पढ़ाई से मुहब्बत एक आधार हो जाए।
क़सम से ज़िंदगी ज़न्नत लिए संसार हो जाए।।
कलम ताक़त क़िताबें कद वफ़ा हिम्मत बढ़ाती हैं।
ज़मीं से ये उठाकर अर्श की सूरत दिखाती हैं।
हुआ हर ज्ञान सच्चा ज़िन्दगी-पतवार हो जाए।
क़सम से ज़िंदगी ज़न्नत लिए संसार हो जाए।।
आर.एस. ‘प्रीतम’