गीत- कभी तुम प्यार की दुनिया…
कभी तुम प्यार की दुनिया बसाओ तो तुम्हें जानें।
मुझे दिल में बसाकर मुस्क़राओ तो तुम्हें जानें।।
ज़रा पोछो मेरी आँखों के आँसू तुम मुहब्बत से।
गले अपने लगालो रूह में बसकर मुहब्बत से।
मेरे हर दर्द का मरहम बनो आओ तुम्हें जानें।
कभी तुम प्यार की दुनिया बसाओ तो तुम्हें जानें।
मुझे दिल में बसाकर मुस्क़राओ तो तुम्हें जानें।।
तेरी हर बात सुंदर है अदा बिंदास हर तेरी।
मुहब्बत है तो स्वीकार कर तू बात हर मेरी।
सभी आगे मुझे अपना जताओ तो तुम्हें जाने।।
कभी तुम प्यार की दुनिया बसाओ तो तुम्हें जानें।
मुझे दिल में बसाकर मुस्क़राओ तो तुम्हें जानें।।
सवालों में ख़यालों में तेरी चाहत दिखाई दे।
मिलो मुझको लगे ऐसा बड़ी राहत दिखाई दे।
कभी दिल से मुझे हँसकर हँसाओ तो तुम्हें जानें।।
कभी तुम प्यार की दुनिया बसाओ तो तुम्हें जानें।
मुझे दिल में बसाकर मुस्क़राओ तो तुम्हें जानें।।
आर.एस. ‘प्रीतम’