गीत- अगर दिल से लगे मनहर…
अगर दिल से लगे मनहर कोई प्यारा मुहब्बत है।
समाए ध्यान में हरपल समझ लेना मुहब्बत है।।
भुलाने की सभी कोशिश अगर नाक़ाम हो जाएँ।
अदाएँ जब किसी की हर गुले-गुलफ़ाम हो जाएँ।
लबों पर नाम उसका ही सजा आए मुहब्बत है।
समाए ध्यान में हरपल समझ लेना मुहब्बत है।।
नया आकार जल लेता मगर दिल एक रहता हो।
चले काँटों पे हँसके जो मगर दिल नेक रहता हो।
जिसे आँसू लगें मोती लिए दिल में मुहब्बत है।
समाए ध्यान में हरपल समझ लेना मुहब्बत है।।
करे जो त्याग मन में प्रेम धारण कर बढ़े आगे।
वही जाने वही समझे सफल रिश्ते बिना भागे।
हँसाए जो किसी रोते को तो दिल में मुहब्बत है।
समाए ध्यान में हरपल समझ लेना मुहब्बत है।।
आर. एस. ‘प्रीतम’