गीतिका
गीतिका (आधार छंद- मंगलवत्थू)
ऐसा हुआ कमाल,चुनावी मौसम में ।
बदली सबकी चाल,चुनावी मौसम में।।1
खींचें नेता टाँग ,मढ़ें आरोप सभी ,
बहुत बुरा है हाल,चुनावी मौसम में ।।2
करता रोज प्रचार,दिहाड़ी लेकर के,
मँगरू मालामाल,चुनावी मौसम में ।।3
मिलते हैं कर जोड़,बड़े दिग्गज नेता,
चूम रहे हैं भाल ,चुनावी मौसम में ।।4
मिले न सालों साल,लुप्त थे जो प्राणी,
वे प्रकटे हैं आज ,चुनावी मौसम में।।5
कभी न की परवाह,जिन्होंने जनता की,
बजा रहे वे गाल ,चुनावी मौसम में।।6
जाति धर्म को भूल,शक्ति निज दिखला दो,
अपने मत को डाल ,चुनावी मौसम में।।7
डाॅ बिपिन पाण्डेय