Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Jun 2023 · 1 min read

गीतिका

गीतिका -21
०००००
आदमी
०००००
पिसते’ पिसते बहुत बौना हो गया है आदमी ।
मातमी ख़त का सा’ कौना हो गया है आदमी ।।

आसमाँ पर इन्द्रधनुषों सी तनी है कामना।
देखिये कितना सलौना हो गया है आदमी ।।

रेज़गारी से भुने व्यवहार हैं इन्सान के ।
घट घटाकर ऩोट पौना हो गया है आदमी ।।

फर्श की किस्मत में’ आये मखमली कालीन हैं ।
चीथड़ा कोई बिछौना हो गया है आदमी ।।

पढ़ रहे भूगोल में हम सारी’ दुनियाँ गोल है ।
पर मुझे लगता तिकौना हो गया है आदमी ।।

‘ ज्योति ‘ बींधे मोतियों के हार पोते हम रहे ।
बे बिंधे मोती पिरोना हो गया है आदमी ।।
********

436 Views
Books from Mahesh Jain 'Jyoti'
View all

You may also like these posts

22. *कितना आसान है*
22. *कितना आसान है*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
शेर बेशक़ सुना रही हूँ मैं
Shweta Soni
प्रेम की दास्तां
प्रेम की दास्तां
Pushpa Tiwari
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
मुझको कभी भी आज़मा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
कविता-कूड़ा ठेला
कविता-कूड़ा ठेला
Dr MusafiR BaithA
लो फिर बसंत आया
लो फिर बसंत आया
Sumangal Singh Sikarwar
मित्रता
मित्रता
डॉ. शिव लहरी
दिल से पूछो
दिल से पूछो
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
कविता
कविता
Rambali Mishra
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
इठलाते गम पता नहीं क्यों मुझे और मेरी जिंदगी को ठेस पहुचाने
Chaahat
जूठी चाय ... (लघु रचना )
जूठी चाय ... (लघु रचना )
sushil sarna
एक गुलाब हो
एक गुलाब हो
हिमांशु Kulshrestha
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" गच्चा "
Dr. Kishan tandon kranti
जिंदगी जी लिजिए
जिंदगी जी लिजिए
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
ग़ज़ल __
ग़ज़ल __ "है हकीकत देखने में , वो बहुत नादान है,"
Neelofar Khan
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
श्रंगार
श्रंगार
Vipin Jain
"काम करने का इरादा नेक हो तो भाषा शैली भले ही आकर्षक न हो को
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
तेरे आने की उम्मीद
तेरे आने की उम्मीद
Surinder blackpen
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
#अंसुवन के मोती
#अंसुवन के मोती
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
नर्गिस
नर्गिस
आशा शैली
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
रमेशराज की तीन ग़ज़लें
कवि रमेशराज
मन से भी तेज ( 3 of 25)
मन से भी तेज ( 3 of 25)
Kshma Urmila
घरेलू हिंसा और संविधान
घरेलू हिंसा और संविधान
विजय कुमार अग्रवाल
बदहवास सा भाग रहा
बदहवास सा भाग रहा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
योग-प्राणायाम
योग-प्राणायाम
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
😊शुभ-रात्रि😊
😊शुभ-रात्रि😊
*प्रणय*
3889.*पूर्णिका*
3889.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...