गीतिका छंद
गीतिका छंद
चार पदों का सम-मात्रिक छंद
26 मात्राएं, प्रत्येक पद 14-12 या 12-14,पदान्त लघु-गुरु अनिवार्य, हर पद की तीसरी, दसवीं, सतरहवीं और चौबीसवीं मात्राएं लघु हों।
*******************************
मापनी— 2 1 2 2 2 1 2 2, 2 1 2 2 2 1 2
********************************
राधिका न्यारी हमारी, आज लागे माधुरी ।
प्रीत में डूबे विहारी,गीत गाती बाँसुरी ।।
मोर कैसे मस्त होते , तान जैसे ही बजे।
ग्वाल गोपी संग नाचे , रास लीला यूं सजे।।
********************************
गौर वर्णी प्रीत राधा,सोम मीठी चाँदनी।
कीर्ति बाला रूप सौहे,गोप वैष्या नन्दिनी।।
श्याम प्रीती नैन भारी, मीत राधा के रहे।
मान राखे जान प्यारी, लाख बाधा ही सहे।।
********************************
शीला सिंह बिलासपुर हिमाचल प्रदेश ?