*गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)*
गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे(मुक्तक)
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कर में सुदर्शन चक्र ले, अवतार धर आते रहे
संहार दुष्टों का किया, सज्जन अभय पाते रहे
गौऍं चराईं यों नदी, फिर दूध-घी की बह उठी
गीता सुनाई कृष्ण ने, मधु बॉंसुरी गाते रहे
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451