Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jun 2024 · 1 min read

*गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छ

गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती (राधेश्यामी छंद)
_________________________
गीता में केशव बतलाते, यह तथ्य नहीं आत्मा मरती
यह पार जगत के दोषों से, यह लिप्त नहीं खुद को करती
जीता-मरता केवल शरीर, प्रभु की यह सारी माया है
दो दिन का यह भ्रम-जाल सुनो, दो दिन की केवल काया है

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

15 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
जीवन दिव्य बन जाता
जीवन दिव्य बन जाता
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
*सरस रामकथा*
*सरस रामकथा*
Ravi Prakash
आंधी
आंधी
Aman Sinha
*
*"रोटी"*
Shashi kala vyas
सेल्फी या सेल्फिश
सेल्फी या सेल्फिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
जब बात नई ज़िंदगी की करते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
तुम्हारे प्रश्नों के कई
तुम्हारे प्रश्नों के कई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
वेलेंटाइन डे
वेलेंटाइन डे
Surinder blackpen
26. ज़ाया
26. ज़ाया
Rajeev Dutta
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
कुछ फ़क़त आतिश-ए-रंज़िश में लगे रहते हैं
Anis Shah
शिक्षक
शिक्षक
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
कितना रोका था ख़ुद को
कितना रोका था ख़ुद को
हिमांशु Kulshrestha
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Why Not Heaven Have Visiting Hours?
Manisha Manjari
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/91.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
डर-डर से जिंदगी यूं ही खत्म हो जाएगी एक दिन,
manjula chauhan
सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता।
सच बोलने वाले के पास कोई मित्र नहीं होता।
Dr MusafiR BaithA
इस कदर भीगा हुआ हूँ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
Dr. Rajeev Jain
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
मुझको बे'चैनियाँ जगा बैठी
Dr fauzia Naseem shad
पहला प्यार सबक दे गया
पहला प्यार सबक दे गया
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
बेसबब हैं ऐशो इशरत के मकाँ
अरशद रसूल बदायूंनी
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
कैसे हो गया बेखबर तू , हमें छोड़कर जाने वाले
gurudeenverma198
"मनुष्यता से.."
Dr. Kishan tandon kranti
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
रिश्ते चाय की तरह छूट रहे हैं
Harminder Kaur
मैं अपने दिल की रानी हूँ
मैं अपने दिल की रानी हूँ
Dr Archana Gupta
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
मुझको अपनी शरण में ले लो हे मनमोहन हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
गीता जयंती
गीता जयंती
Satish Srijan
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
शीर्षक - 'शिक्षा : गुणात्मक सुधार और पुनर्मूल्यांकन की महत्ती आवश्यकता'
ज्ञानीचोर ज्ञानीचोर
#लघु_कविता-
#लघु_कविता-
*प्रणय प्रभात*
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
ମଣିଷ ଠାରୁ ଅଧିକ
Otteri Selvakumar
Loading...