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25 Dec 2020 · 1 min read

गीता जयंती एव तुलसी पूजन

गीता जयंती मनाये , दिवस बहुत है खास
पोषित होगी संस्कृति ,सबसे ऐसी आस

एकादशी मोक्षदा है ,करे विष्णु उपवास
द्वार मोक्ष के खुले तब, जन मन का विश्वास

धर्म हानि बढ़ रही है , दूषित होता वेश
सन्मार्ग है जरूरी , रहे पल्लवित देश

तुलसी पूजन दिवस है , वही भक्ति आधार
जिसके घर में न तुलसी, भक्ति वह निराधार

चलो बैठ कर करे हम , गीता ग्रंथ का पाठ
पाप देह के नष्ट हो , पड़ी रहे बन काठ ,

तुलसी पादप लगाये , दीप जलाये रोज
पुण्य फले हर एक दिन, भोगे नित हम मौज

तुलसी गीता संस्कृति , यहीं सभ्यता मूल
शांति दे आध्यात्म , जीवन बगियाँ फूल

रोम रोम में हमारे , विकसित जो संस्कार
संभाल रखते धरोहर, पाता जग आकार

Language: Hindi
75 Likes · 2 Comments · 642 Views
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