Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 May 2020 · 1 min read

गीता के स्वर (5) कर्मयोग बनाम ज्ञानयोग

फिर प्रश्न-
कर्मों का संन्यास- ‘ज्ञानयोग’
या फिर ‘कर्मयोग’
कौन श्रेष्ठ है ?
उत्तर मिलता है-
दोनों कल्याणकारी हैं
पर
‘कर्म संन्यास’ से श्रेष्ठ है
कर्मयोग
कर्मयोग के बिना
‘ज्ञानयोग’ कहाँ ?
‘कर्मयोग’ ही तो है
जो प्रशस्त करता है
‘ज्ञानयोग’ का मार्ग.
कर्मों को प्रकृति के लिए छोड़
आसक्ति त्याग
कर्म करने वाला
‘पाप’ से वैसे ही लिप्त नहीं होता
जैसे जल से कमल-पत्र
यही है
आत्मा की प्रकृति,
आत्मा किसी का पाप ग्रहण नहीं करती
और न ही पुण्य
सभी स्थितियों में समता
यही तो है लक्षण
उत्तम पुरुष का
यही आधार है
उत्कृष्ट जीवन का.
अस्तु,
‘प्रिय’ को लेकर हर्ष
अप्रिय होने पर ‘विषाद’
निषिद्ध है.

Language: Hindi
1 Like · 363 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
View all
You may also like:
मोहब्बत जो हमसे करेगा
मोहब्बत जो हमसे करेगा
gurudeenverma198
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
प्रशंसा नहीं करते ना देते टिप्पणी जो ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
*वफ़ा मिलती नहीं जग में भलाई की*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
■ कडवी बात, हुनर के साथ।
*प्रणय*
यादगार बनाएं
यादगार बनाएं
Dr fauzia Naseem shad
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
दिव्यांग वीर सिपाही की व्यथा
लक्ष्मी सिंह
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
इश्क करना
इश्क करना
Ranjeet kumar patre
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
जिंदगी का सफर है सुहाना, हर पल को जीते रहना। चाहे रिश्ते हो
पूर्वार्थ
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
*मॉं से बढ़कर शुभचिंतक इस, दुनिया में कोई मिला नहीं (राधेश्य
Ravi Prakash
मन में उतर कर मन से उतर गए
मन में उतर कर मन से उतर गए
ruby kumari
अनचाहे फूल
अनचाहे फूल
SATPAL CHAUHAN
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
याद में
याद में
sushil sarna
अध्यात्म के नाम से,
अध्यात्म के नाम से,
Dr.Pratibha Prakash
प्रेम.....
प्रेम.....
हिमांशु Kulshrestha
"तुम नूतन इतिहास लिखो "
DrLakshman Jha Parimal
निकट है आगमन बेला
निकट है आगमन बेला
डॉ.सीमा अग्रवाल
बाल कविता: मूंगफली
बाल कविता: मूंगफली
Rajesh Kumar Arjun
खुद से जंग जीतना है ।
खुद से जंग जीतना है ।
Ashwini sharma
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-158के चयनित दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2985.*पूर्णिका*
2985.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अम्न का पाठ वो पढ़ाते हैं
अरशद रसूल बदायूंनी
भावनाओं की किसे पड़ी है
भावनाओं की किसे पड़ी है
Vaishaligoel
विषय - स्वाधीनता
विषय - स्वाधीनता
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"समय का भरोसा नहीं है इसलिए जब तक जिंदगी है तब तक उदारता, वि
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सत्य और सत्ता
सत्य और सत्ता
विजय कुमार अग्रवाल
*किताब*
*किताब*
Dushyant Kumar
कहानी
कहानी
कवि रमेशराज
Loading...