Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Aug 2022 · 1 min read

गीतायाः पठनं मननं वा प्रभाव:

भगवान् सर्वेषां गुरु: च तस्य मन्त्र उपदेशः वा गीता।केचित् मनुष्यं विद्वतायाः शक्तया गीतायाः अर्थं ज्ञातुं न शक्नोति।भगवतः शरणे सति एव गीतायाः अर्थ प्रकट: भवति।ईश्वरं गीता बहु रोचते।गीतापाठेन ते दर्शनं दातुं शक्नुवन्ति।गीता-रामायणं आदयः ग्रन्था: यत्र उपस्थिता: भवन्ति तत्र भूत-प्रेत-पिशाच न आगच्छन्ति।एतान् ग्रन्थान् प्रणामै: बहु शक्ति: प्राप्त: भवति।
गीतायाः पठनं-मननकर्ता प्रत्येकानां प्रश्नानां उत्तराणि दातुं शक्नोति।गीतायाः अनुसारेण स्व व्यवहार: करोतु।जीवनं जियेत् तु दुःख-सन्ताप–चंचलता सर्वा समाप्त: भविष्यति।एकापि पुरूष एतादृशः न अस्ति यत् एतस्य भोगेन संग्रहेन च तृप्ति: भवितुं शक्नोति।

©®अभिषेक:पाराशर

Language: Sanskrit
713 Views

You may also like these posts

عيشُ عشرت کے مکاں
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
मन का सावन आँख से,
मन का सावन आँख से,
sushil sarna
जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़
जुगनू और आंसू: ज़िंदगी के दो नए अल्फाज़
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#हमें मजबूर किया
#हमें मजबूर किया
Radheshyam Khatik
अवंथिका
अवंथिका
Shashi Mahajan
तानाशाह का अंत
तानाशाह का अंत
Shekhar Chandra Mitra
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
कुछ बीते हुए पल -बीते हुए लोग जब कुछ बीती बातें
Atul "Krishn"
*हुस्न तेरा  है  गरूर भरा*
*हुस्न तेरा है गरूर भरा*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
बेटियाँ पर कविता
बेटियाँ पर कविता
Swara Kumari arya
"सिक्का"
Dr. Kishan tandon kranti
"बात अपनो से कर लिया कीजे।
*प्रणय*
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
अवकाशार्थ आवेदन पत्र
Otho Pat
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
*ठगने वाले रोजाना ही, कुछ तरकीब चलाते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
लड़कियों के प्रति आकर्षण प्राकृतिक और स्वाभाविक होता है जिसम
Rj Anand Prajapati
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
ये इश्क़-विश्क़ के फेरे-
Shreedhar
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
कर तो रहे हैं वो ,और दे रहे हैं ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
दरमियान तेरे मेरे ( गीत)
शिवम राव मणि
12, कैसे कैसे इन्सान
12, कैसे कैसे इन्सान
Dr .Shweta sood 'Madhu'
सब्जी के दाम
सब्जी के दाम
Sushil Pandey
sp,,94बात कोई भी नहीं भूलता
sp,,94बात कोई भी नहीं भूलता
Manoj Shrivastava
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
आप देखो जो मुझे सीने  लगाओ  तभी
आप देखो जो मुझे सीने लगाओ तभी
दीपक झा रुद्रा
सुंदर सा चित्र
सुंदर सा चित्र
Sudhir srivastava
*** सागर की लहरें....! ***
*** सागर की लहरें....! ***
VEDANTA PATEL
हो गये हम जी आज़ाद अब तो
हो गये हम जी आज़ाद अब तो
gurudeenverma198
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
रिश्तों की सिलाई अगर भावनाओ से हुई हो
शेखर सिंह
दादी माँ - कहानी
दादी माँ - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ध्यान करने परमपिता का
ध्यान करने परमपिता का
Chitra Bisht
3132.*पूर्णिका*
3132.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...