गिलहरी की अंत्येष्टि!
प्राकृतिक विद्युत शवदाह हो गया।
●पितृ पक्ष के
प्रथम दिवस
दो दिवसों
से जीवमृत
बारिश के
हल्के झोंके
से प्राकृतिक
विद्युत
शवदाह
हो गया।
•वो भटक रही
थी दाने की
तलाशमें ,
आ पहुंची
विद्युत
ट्रांसफार्मर
में रात में,
लगा विजली
का झटका
प्राण छूट
गए,
अटक गया
धर ,झूल
रहा तार तार में
उसका शरीर
मृत हो गया।
प्राकृतिक
विद्युत
शवदाह
हो गया।
•प्रथम दिवस
हमने देखा
उस जीवमृत
गिलहरी को
किया प्रयास
उसे निकालने
का ,किन्तु
डर से बिजली
के हम दूर
हुए ,बुलवाया
बिजलीघर से
लाइनमेन को
किन्तु उनका
भी प्रयास विफल
रहा , वो उसका
देह सड़ ,गल गया।
प्राकृतिक
विद्युत
शवदाह
हो गया।
•दूसरे दिन
हल्की
बारिश हुई
उसकी बू
बहुत गूँगाने लगी,
उसने जलसंग
बिजली की
चालक बन
दोनों तारों
का आपस
में मिला दिया
धमाका हुआ,
आग भी तेज
लगी ,उसका
देह ,आग संग
अंत्येष्ट हो गया,
प्राकृतिक
विद्युत
शवदाह
हो गया।
-जारी
©कुल’दीप’ मिश्रा (KD)